कल भारत बँध था| महँगाई के खिलाफ विपक्षी दलों का प्रदर्शन| वो महँगाई जो हमारे नेताओं को व्यक्तिगत रूप से कभी भी महसूस नहीं होती, असर नही होता, फ़र्क नहीं पड़ता – चाहे फिर वो कॉंग्रेसी हों, भाजप के हों या कोई और अन्य पार्टी|
कल, ५ जुलाई २०१० को भारत बँध था| हमारे देश में बढ़ती हुई महँगाई से भी ज़्यादा बढ़ती मानसिक नपुंसकता का एक भव्य प्रदर्शन था|